सुच्चा मैथिल मिथिला के जगाउ यौ मैथिल |स
पूर्वा पछवा पवनसँ मिथिला के बचाव यौ मैथिल ||
दुष्टक नजरि नञि लागए मैथिल, मिथिला माटि मनोहर के |
धरती गगनकेँ पावन राखी, पुष्पित करु सरोवरके||
गीत विकाशक लगनी सोहर गाउ यौ मैथिल |
सुच्चा़.........
कृषियज्ञ के हवनकुण्ड मे मंत्र हो गहुम गीता के |
धानवाण पढि रक्षा करियौ मिथिला परम पुनीता के ||
माटि हमर बेसी सबसँ उपजाऊ यौ मैथिल ।
लोरीक कें हम नमन करै छी,सलहेसक मर्यादा कें
चण्डी चननिकें शत् शत् विनती,विनती जीवन सादाकें।
घर घर ज्ञानक वैभव दीप जराउ यौ मैथिल।
सुच्चा मैथिल मिथिला..........
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