SAHITYAA DHARA ME AAP KA SWAGAT HAI , APAKA YOGDAN SARAHNIY HAI , AAP APNI LEKH - AALEKH BHEJ SAKTE HAI AUR PATHAK GAN KO DE SAKATE HAI 9997313751,9634624383, मोदी नगर,ग़ज़िआबाद , मेरठ रोड उत्तर - प्रदेश E-mail: nishantkumarjha45@gmail.com

बुधवार, 24 जून 2020

!! कनि सूनु ने प्रेमक गीत !!

 अहिंके याद  में डूबल
 हमर दिन राइत रहैया ।
 केहन बेमत भेलै इ मन
 कनियो ने बात बुझेया ।।

 कनि सूनु ने प्रेमक गीत
 बताह भेलै इ हम्मर चित ।
 कनि बुझु ने प्रिय सजनी
 हृदय  जे   बात   कहैया ।।

 अहिंके याद  में डूबल
 हमर दिन राइत रहैया ।।

 करा देलौं ये कुन टोना
 पकड़ बैसल छि हम कोना ।
 कहु कोना कS बिसरब ये
 निहोरा प्रीतक "बटोही" करैया ।।

 अहिंके याद  में डूबल
 हमर दिन राइत रहैया ।।

गीतकार-
निशान्त झा "बटोही"





रविवार, 14 जून 2020

!! जन्मों का ये संगम है !! गीतकार - निशान्त झा "बटोही"

!! जन्मों  का  ये  संगम है !!


 मेरे  हमदम  मेरे  रहबर
 जन्मों  का  ये  संगम है ।
 नवाजूँगा   दुआओ   से
 तेरा हर गम  मेरा गम है ।।

 करू  रोशन  तेरी गलियां
 है अर्पण प्रस्फुटित कलियां ।
 है समर्पित जब मेरा हृदय
 तुझे किस बात का गम है ।।

 मेरे  हमदम  मेरे  रहबर
 जन्मों  का  ये  संगम है ।।

 मेरी धड़कन का स्वर तेरा
 तेरी मेहंदी  का  रंग मेरा ।
 जो टूटे  ना  कभी  बन्धन
 वो  डोरी  प्रीत  की  हम है । ।

 मेरे  हमदम  मेरे  रहबर
 जन्मों  का  ये  संगम है ।।

 गीतकार-
 निशान्त झा "बटोही"


गुरुवार, 11 जून 2020

बसती है जो कसक इस दिल मे आखिर वो चुभन क्या है !! रचनाकार - निशान्त झा "बटोही"

!! अगर जीना ये तो मरना क्या है !!
    


 बसती है जो कसक इस दिल मे
 आखिर   वो   चुभन   क्या   है ।
 जी रहा हूँ मे यही सोच सोचकर
 अगर जीना ये तो मरना क्या  है ।।

 बसती है जो कसक इस दिल मे
 आखिर वो चुभन क्या  है ।।

 अब खेलती है मेरी किस्मत मुझसे
 शायद सीखा होगा ये हुनर तुझसे ।
 टूटता हूँ में हर बार जुड़ने के लिये
 समझ नही आता  माजरा क्या है ।।

 बसती है जो कसक इस दिल मे
 आखिर वो चुभन क्या है ।।

 लगता है क्यूँ डर अब हमदर्दों से
 दर्द को हो गया है प्यार परदों से ।
 किया करोगे देखकर मेरे जख्मो को
 बस इतना बताजाओ दवा क्या है ।।

बसती है जो कसक इस दिल मे
आखिर वो चुभन क्या है ।।

रचनाकार -
निशान्त झा "बटोही"