शहीदों की शहादत को
अमिट सम्मान करता हूँ ।
नमन उनकी कुर्बानी को
में सदा गुणगान करता हूँ ।।
नही तमन्ना स्वर्ग पाने की
नही कोई ताज पाने की ।
तिरंगा हो कफ़न मेरा
यही अरमान रखता हूँ ।।
शहीदों की शहादत को
अमिट सम्मान करता हूँ ।।
मिट जाऊ देश की खातिर
बचे ना एक भी शातिर ।
कुर्बान जाऊ ,इस मिट्टी पर
जीत का एलान करता हूँ ।।
शहीदों की शहादत को
अमिट सम्मान करता हूँ ।।
निशान्त झा "बटोही"