कोरोना लॉक डाउन में विद्यालय के उद्गार
आ जाओ शिशु औ बाल तरुण
क्यों मुझे अकेला छोड़ दिया।
विपदा के समय अकेला हूँ
क्यों मुझसे नाता तोड़ दिया।।
चलना बोलना सीखते ही
माँ बाबा दूर किये तुमको।
शिक्षा संस्कार सिखाने को
रोतों को सौंप गये मुझको।
भगवन का बाल स्वरूप समझ
तुम से ये रिश्ता जोड़ लिया।।विपदा के......
नित आते फिर जाते थे तो
अगले दिवस की चाह तो थी।
मुझको लगता था तुम सबको
तनिक मेरी परवाह तो थी।
आँखों के तारे थे मेरे
अब एकदम क्यों मुख मोड़ लिया।।विपदा के......
माली काका भैयन मैया
मेरी सुध लेना भूल गए।
आचार्य प्रधानाचार्य जी व
दीदी भी मुझसे दूर गए।
मेरे कमरे आँगन बगिया
सबने मुस्काना छोड़ दिया।।विपदा के.....
मुझको लगा कुछ बात तो है
मेरे संग कुछ घात तो है।
फिर मुझको एकदम भान हुआ
बड़ा कोई संताप तो है।
सपने में राम-सिया बोले
कि चीन कोरोना फोड़ दिया।।विपदा के....
ऐ मेरे प्यारों बात सुनो
मैं तुम पर जान लुटाता हूँ।
सूने आँगन औ झूलों में
आभास तुम्हारा पाता हूँ।
तुम स्वस्थ रहो और मस्त रहो
लो मैंने रोना छोड़ दिया।।
जगवीर शर्मा
कवि एवं मंच संचालक
मोदीनगर, गाज़ियाबाद।
मोबा.8307746794
9354498927