!! छणिक पीड़ा तो होगी !!
!! छणिक पीड़ा तो होगी पर सह लेना !!
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जब भी तुम्हें मैं याद आऊँ,
घर में लगे मेरे उस तस्वीर को देख लेना !
तुम्हें अकेलेपन का एहसास नहीं होगा,
युँ समझना लेना मैं तुम्हारे पास ही हूँ !
और हाँ,
अपने पलकों से ये मोतियों के धार बहने मत देना !
बड़े अनमोल है ये मोँतियाँ,
बस इसे अपने पलकों पे यूँ ही सजाये रखना !
जानता हूँ,
छणिक पीड़ा तो होगी पर सह लेना !
गर पलकों से ये मोँतियाँ गिरी तो"
सबसे ज़्यादा पीड़ा तो मुझे होगा,
बस इतनी सी बात का तुम ख्याल रख लेना !
और हाँ,
अगर तब भी मन ना लगे तो !
मेरा वही गीत तुम भी गुनगुना लेना,
जो अक्सर मैं"
तुम से दुर रहने पर गुनगुनाया करता था !
और हाँ,
अगर तब भी मन ना लगे तो !
मेरा लिखा हर ओ कविता तुम बच्चों को सुनाना,
जो मैंनें निशानी के तौर पर तुम्हें सालगिरह में दिया था !
© ✍..मिथिलेश राय
धमौरा:-१२-०३-२०१९
!!