होली गीत आयी फागुन मस्त बहार
उड़े रंगों की फुहार
साजन रंग डारो
मोहे रंग डारो
सखियाँ ताने मार रहीं हैं
कैसे मैं समझाऊँ।
आ जाओगे संग मेरे तो
सबको मैं बतलाऊँ।
गाऊँ मैं भी गीत मल्हार
गूंजे पायल की झंकार
साजन रंग डारो।।
बाल युवा और वृद्ध आज
सब पस्त हुए होली में।
सजनी आगे साजन देखो
मस्त हुए होली में।
अब तो आ जाओ भरतार
अँखियाँ राहें रहीं निहार
साजन रंग डारो।।
लाल गुलाल मलो गालन पै
भर लाओ पिचकारी।
ऐसो रंग डालना साजन
भीजि जाए जो सारी।
आओ भूल जाएं तकरार
कर लें इक दूजे से प्यार
साजन रंग डारो।।
जगवीर शर्मा
कवि एवं मंच संचालक
मोदीनगर
मो.8307746794
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